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मत्त ताल भारतीय शास्त्रीय संगीत में 9 मात्राओं की एक सुंदर और मध्यम गति की ताल है। इसका उपयोग मुख्य रूप से ध्रुपद, धमार, और अर्ध-शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। यह ताल अपनी अनूठी लयबद्ध संरचना और शांत स्वभाव के लिए जानी जाती है।


संरचना:

  1. मात्राएँ (Total Beats): 9
  2. विभाग (Divisions): 3
  3. तालियाँ (Claps): 1 और 3
  4. खाली (Wave): 2

ताल चिह्न और बोल:

ताल चिह्न:

विभाग मात्राएँ तालियाँ / खाली बोल
1 4 ताली (1) धा धिं धा ता
2 2 खाली ति ता
3 3 ताली (3) धिं धा ता

पूरा बोल:
धा धिं धा ता | ति ता | धिं धा ता


विशेषताएँ:

  1. लयबद्धता:
    मत्त ताल की 9 मात्राएँ इसे मध्यम और धीमी गति की रचनाओं के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
  2. ताली और खाली का संतुलन:
    तालियों और खाली का सुंदर सामंजस्य इसे प्रभावशाली बनाता है।
  3. प्रयोग:
    • गायन: ध्रुपद और धमार में।
    • नृत्य: कथक और अर्ध-शास्त्रीय रचनाओं में।
    • वादन: तबला और पखावज।
  4. सरलता:
    यह ताल सरल और प्रभावशाली होने के कारण संगीत अभ्यास के लिए आदर्श है।

प्रमुख उपयोग:

 

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