मत्त ताल भारतीय शास्त्रीय संगीत में 9 मात्राओं की एक सुंदर और मध्यम गति की ताल है। इसका उपयोग मुख्य रूप से ध्रुपद, धमार, और अर्ध-शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। यह ताल अपनी अनूठी लयबद्ध संरचना और शांत स्वभाव के लिए जानी जाती है।
संरचना:
- मात्राएँ (Total Beats): 9
- विभाग (Divisions): 3
- तालियाँ (Claps): 1 और 3
- खाली (Wave): 2
ताल चिह्न और बोल:
ताल चिह्न:
विभाग | मात्राएँ | तालियाँ / खाली | बोल |
---|---|---|---|
1 | 4 | ताली (1) | धा धिं धा ता |
2 | 2 | खाली | ति ता |
3 | 3 | ताली (3) | धिं धा ता |
पूरा बोल:
धा धिं धा ता | ति ता | धिं धा ता
विशेषताएँ:
- लयबद्धता:
मत्त ताल की 9 मात्राएँ इसे मध्यम और धीमी गति की रचनाओं के लिए उपयुक्त बनाती हैं। - ताली और खाली का संतुलन:
तालियों और खाली का सुंदर सामंजस्य इसे प्रभावशाली बनाता है। - प्रयोग:
- गायन: ध्रुपद और धमार में।
- नृत्य: कथक और अर्ध-शास्त्रीय रचनाओं में।
- वादन: तबला और पखावज।
- सरलता:
यह ताल सरल और प्रभावशाली होने के कारण संगीत अभ्यास के लिए आदर्श है।
प्रमुख उपयोग:
- गायन: गंभीर और धीमी रचनाओं में।
- वादन: ताल की लयकारी दिखाने के लिए।
- शिक्षा: संगीत छात्रों के अभ्यास के लिए।