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दादरा ताल एक 6 मात्राओं वाला सरल और लोकप्रिय ताल है, जिसे खासतौर पर भारतीय शास्त्रीय और उपशास्त्रीय संगीत में इस्तेमाल किया जाता है। यह ताल लयबद्ध, मधुर और बहुत ही आकर्षक होता है। दादरा ताल का उपयोग मुख्य रूप से ठुमरी, दादरा गीत और छोटे वादन में किया जाता है।


दादरा ताल की विशेषताएँ:

  1. मात्राएँ (Matra): 6
  2. विभाग (Vibhag): 2 भाग (3-3)
  3. तालियाँ (Tali): 1, 4
  4. खाली (Khali): कोई खाली नहीं होता।
  5. लय: यह ताल आमतौर पर मध्यम लय में गाया या बजाया जाता है, हालांकि इसे तेज गति में भी किया जा सकता है।

दादरा ताल के बोल:

धिन निन | धिन निन | धा ना | धा तिन


दादरा ताल की संरचना:

सम (1) धिन निन
ताली (4) धा ना
ताली (6) धा तिन

दादरा ताल का विभाजन:

  1. पहला भाग (3 मात्राएँ): धिन निन
  2. दूसरा भाग (3 मात्राएँ): धा ना, धा तिन

संगीत में दादरा ताल का उपयोग:

उदाहरण:
“धिन निन | धिन निन | धा ना | धा तिन”

यह ताल बहुत साधारण और आकर्षक होता है, जिससे शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति में एक विशिष्ट नाद और लय का अनुभव मिलता है।

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