झूमरा ताल भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक प्रमुख और सुंदर ताल है, जिसमें 14 मात्राएँ होती हैं। यह ताल खासतौर पर खयाल गायन और शास्त्रीय संगीत में उपयोग किया जाता है। झूमरा ताल की लय धीमी और गंभीर होती है, जो इसे शास्त्रीय संगीत में एक गहराई प्रदान करती है।
झूमरा ताल की विशेषताएँ:
- मात्राएँ (Matra): 14
- विभाग (Vibhag): 4 भाग (3-4-3-4)
- तालियाँ (Tali): 1, 5, 9, 13
- खाली (Khali): 9वें मात्रा पर
- लय: यह ताल प्रायः विलंबित लय में गाया और बजाया जाता है।
झूमरा ताल के बोल:
धा धा तिन | तिरकिट धा तिन | धा धा तिन | तिरकिट धा तिन
झूमरा ताल की संरचना:
सम (1) | धा | धा | तिन |
---|---|---|---|
ताली (5) | तिरकिट | धा | तिन |
खाली (9) | धा | धा | तिन |
ताली (13) | तिरकिट | धा | तिन |
झूमरा ताल का विभाजन:
- पहला भाग (3 मात्राएँ): धा धा तिन
- दूसरा भाग (4 मात्राएँ): तिरकिट धा तिन
- तीसरा भाग (3 मात्राएँ): धा धा तिन
- चौथा भाग (4 मात्राएँ): तिरकिट धा तिन
संगीत में झूमरा ताल का उपयोग:
- गायन: झूमरा ताल का उपयोग विशेष रूप से खयाल और ध्रुपद जैसे गंभीर शास्त्रीय गायन में होता है।
- वादन: यह ताल तबला, पखावज और अन्य वाद्य यंत्रों पर बजाई जाती है।
- नृत्य: कथक और अन्य शास्त्रीय नृत्य में झूमरा ताल का प्रयोग होता है।
झूमरा ताल की विलंबित गति और गहरी लय इसे शास्त्रीय संगीत में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करती है।