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झपताल भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक प्रमुख ताल है जिसमें 10 मात्राएँ होती हैं। इसे तीन विभागों (खंडों) में विभाजित किया गया है। झपताल का उपयोग मुख्य रूप से खयाल, ठुमरी, और वादन में किया जाता है। इसकी लयबद्धता और जटिलता इसे एक विशिष्ट और सुंदर ताल बनाती है।


झपताल की विशेषताएँ:

  1. मात्राएँ (Matra): 10
  2. विभाग (Vibhag): 3 भाग (2-3-2-3)
  3. तालियाँ (Tali): 1, 3, 8
  4. खाली (Khali): 6
  5. लय: झपताल का उपयोग विलंबित, मध्यम और द्रुत लय में किया जाता है।

झपताल के बोल:

धा धिन | धिन ता ता | धा तिन | धिन ता ता


झपताल की संरचना:

सम (1) धा धिन
ताली (3) धिन ता
खाली (6) धा तिन
ताली (8) धिन ता

झपताल का विभाजन:

  1. पहला भाग (2 मात्राएँ): धा धिन
  2. दूसरा भाग (3 मात्राएँ): धिन ता ता
  3. तीसरा भाग (2 मात्राएँ): धा तिन
  4. चौथा भाग (3 मात्राएँ): धिन ता ता

संगीत में झपताल का उपयोग:

उदाहरण:
“धा धिन | धिन ता ता | धा तिन | धिन ता ता।”

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