एकताल एक ऐसा ताल है जिसमें 12 मात्राएँ होती हैं। यह 6 बराबर भागों में विभाजित होता है, और प्रत्येक भाग में 2 मात्राएँ होती हैं। इसमें 3 तालियाँ और एक खाली होती है। एकताल की संरचना संतुलित और लयबद्ध होती है, जो शास्त्रीय गायन और वादन को सुंदरता प्रदान करती है।
एकताल (Ektal): 12 मात्राओं के साथ विवरण
बोल:
धा धिन धिन धा | तिन तिन ता ता | धिन धिन धा धा
विशेषताएँ:
- मात्राएँ (Matra): 12
- विभाग (Vibhag): 6 भाग (2-2-2-2-2-2)
- तालियाँ (Tali): 1, 5, 9
- खाली (Khali): 3
- लय: विलंबित, मध्यम और द्रुत लयों में गाया और बजाया जाता है।
एकताल की संरचना:
सम (1) | धा | धिन |
---|---|---|
खाली (3) | धिन | धा |
ताली (5) | तिन | तिन |
ताली (9) | ता | ता |
धिन (11) | धिन | धा |
सारंगी और तबले पर उपयोग:
- एकताल का उपयोग विशेष रूप से खयाल, ध्रुपद, और धमार गायन में किया जाता है।
- इसे तबले पर स्पष्ट और सुंदर ढंग से बजाया जाता है, और इसमें तिहाई और विभिन्न गतियों का अभ्यास किया जा सकता है।
उदाहरण:
“धा धिन धिन धा | तिन तिन ता ता | धिन धिन धा धा।”