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सुरफंक ताल भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक विशेष ताल है, जिसमें 10 मात्राएँ होती हैं। इस ताल का उपयोग मुख्य रूप से वादन और गायन शैलियों में किया जाता है। सुरफंक ताल अपनी अनोखी लय और गतिशीलता के कारण संगीत प्रस्तुतियों में एक विशिष्ट स्थान रखता है।


सुरफंक ताल की विशेषताएँ:

  1. मात्राएँ (Matra): 10
  2. विभाग (Vibhag): 4 भाग (3-2-2-3)
  3. तालियाँ (Tali): 1, 4, 7
  4. खाली (Khali): 9वें मात्रा पर
  5. लय: यह ताल मध्य और द्रुत लय में प्रयोग होता है।

सुरफंक ताल के बोल:

धा तिन तिन | ता धा | ता तिन | धा ता धिन


सुरफंक ताल की संरचना:

सम (1) धा तिन तिन
ताली (4) ता धा
ताली (7) ता तिन
खाली (9) धा ता धिन

सुरफंक ताल का विभाजन:

  1. पहला भाग (3 मात्राएँ): धा तिन तिन
  2. दूसरा भाग (2 मात्राएँ): ता धा
  3. तीसरा भाग (2 मात्राएँ): ता तिन
  4. चौथा भाग (3 मात्राएँ): धा ता धिन

संगीत में सुरफंक ताल का उपयोग:

सुरफंक ताल की गतिशीलता और लयात्मकता इसे संगीत और नृत्य प्रस्तुतियों में लोकप्रिय बनाती है।

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