घराना भारतीय शास्त्रीय संगीत की एक परंपरा है, जिसमें किसी खास गुरु या संगीतकार द्वारा विकसित गायन या वादन की शैली को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाया जाता है। घराना सिर्फ एक संगीत शैली नहीं बल्कि एक सोच, तकनीक और परंपरा का प्रतीक होता है, जो एक विशिष्ट पहचान बनाता है।
घराने की पहचान कैसे होती है?
गायकी/वादन की अलग शैली (जैसे आलाप, तान, लयकारी में भिन्नता)
रागों की प्रस्तुति में विशेषता
गुरु-शिष्य परंपरा से सीखना और सिखाना
ताल और लय का अनोखा प्रयोग
कुछ खास रागों या बंदिशों पर ज़ोर
👉 घराने का मतलब सिर्फ स्थान से नहीं, बल्कि संगीत की शैली से होता है।
घराने का इतिहास (History of Gharanas)
घरानों की शुरुआत मुग़ल काल (16वीं-17वीं शताब्दी) में हुई। तब संगीत राजाओं, नवाबों और दरबारों में पनपा और धीरे-धीरे अलग-अलग जगहों पर संगीतकारों ने अपनी शैली विकसित की।
तानसेन (अकबर के दरबारी गायक) से शुरू हुई परंपरा कई घरानों में बंटी और आगे बढ़ी।
मुख्य रूप से घराने दो प्रकार के होते हैं:
- गायकी घराने (Vocal Gharanas) – शास्त्रीय गायन से जुड़े घराने।
- वाद्य घराने (Instrumental Gharanas) – तबला, सितार, सरोद, सारंगी आदि से जुड़े घराने।
गायकी के प्रमुख घराने (Major Vocal Gharanas)
1.ग्वालियर घराना (Gwalior Gharana)
- सबसे पुराना और प्रामाणिक घराना।
- बंदिश प्रधान गायकी, साफ-सुथरी तानों और रागों की शुद्धता पर ज़ोर।
- तानसेन की परंपरा से निकला घराना।
- प्रसिद्ध गायक: पंडित विष्णु दिगंबर पलुस्कर, पंडित कृष्णराव शंकर
2. किराना घराना (Kirana Gharana)
- आलाप और मींड (सुरों का खिंचाव) पर जोर।
- मधुरता और गहराई वाली गायकी।
- प्रसिद्ध गायक: उस्ताद अब्दुल करीम खां, भीमसेन जोशी
3.पटियाला घराना (Patiala Gharana)
- ऊंचे सुरों, तेज तानों और गहरी लयकारी की विशेषता।
- ठुमरी और ग़ज़ल पर भी प्रभावशाली पकड़।
- प्रसिद्ध गायक: उस्ताद बड़े गुलाम अली खान, आशा भोसले
4.जयपुर-अतरौली घराना (Jaipur-Atrauli Gharana)
- जटिल रागों की प्रस्तुति, विस्तृत आलाप और तानों पर नियंत्रण।
- जटिल रागों में महारत और लंबी परफॉर्मेंस की शैली।
- प्रसिद्ध गायक: मल्लिकार्जुन मंसूर, किशोरी आमोनकर
5.अगरा घराना (Agra Gharana)
- बोल-आलाप पर जोर, दमदार आवाज़ और स्पष्टता।
- ध्रुपद शैली से प्रभावित और नाटकीय अंदाज़।
- प्रसिद्ध गायक: फिरोज़ दस्तूर, उस्ताद युनुस हुसैन खां
6.भिंडीबाजार घराना (Bhendi Bazaar Gharana)
- स्वर साधना और लयबद्ध गायकी।
- हर सुर को शुद्धता से गाने पर जोर।
- प्रसिद्ध गायक: उस्ताद चांद खान
तबला के प्रमुख घराने (Tabla Gharanas)
घराना | विशेषता | प्रसिद्ध कलाकार |
---|---|---|
दिल्ली घराना | साफ-सुथरे बोल और स्थिर लय | उस्ताद ग़ुलाम रसूल |
अजराड़ा घराना | धीमी और जटिल लयकारी | हबीबुद्दीन खान |
फर्रुखाबाद घराना | विविधता और रचनात्मकता | समता प्रसाद |
बनारस घराना | दमदार बाज, नाटकीय प्रभाव | किशन महाराज |
लखनऊ घराना | कोमलता और नफासत से भरी हुई शैली | उस्ताद अहमद जान थिरकवा |
सितार और सरोद के प्रमुख घराने (Sitar & Sarod Gharanas)
1.इमदादखानी घराना (Imdadkhani Gharana)
- मीठी ध्वनि और स्पष्ट स्वर।
- प्रसिद्ध कलाकार: उस्ताद विलायत खां
2.मैहर घराना (Maihar Gharana)
- सितार और सरोद दोनों में प्रसिद्ध।
- प्रसिद्ध कलाकार: पंडित रवि शंकर, अली अकबर खान
3.सेनिया घराना (Seniya Gharana)
- तानसेन की परंपरा से निकला।
- प्रसिद्ध कलाकार: उस्ताद अमजद अली खान
घराने का महत्व (Importance of Gharanas)
- शास्त्रीय संगीत को संरक्षित और विकसित करते हैं।
- हर घराने की अलग विशेषता और पहचान होती है।
- गुरु-शिष्य परंपरा को आगे बढ़ाते हैं।
- हर संगीतकार के पास एक विशिष्ट शैली होती है, जिससे वह पहचाना जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
- घराना केवल स्थान का नाम नहीं, बल्कि संगीत की एक खास शैली और परंपरा है।
- हर घराने की अपनी विशेषता होती है, जो उसे दूसरों से अलग बनाती है।
- अगर आप शास्त्रीय संगीत में रुचि रखते हैं, तो किसी घराने की विशेषताओं को समझकर सीख सकते हैं।
घराना केवल स्थान का नाम नहीं, बल्कि संगीत की एक खास शैली और परंपरा है, जो किसी गुरु के अनूठे सिखाने के तरीके और उसके शिष्यों द्वारा आगे बढ़ाई गई संगीत साधना का प्रतीक होती है, जिसमें भाव, राग, ताल और तकनीक की विशिष्ट पहचान होती है।