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1. थाट बिलावल के राग

प्रत्येक स्वर शुद्ध।

बिलावल,  अल्हैयाबिलावल,  शुक्लबिलावल,  देवगिरी,  यमनी, ककुभ,  नटबिलावल,  लच्छासाख, सरपर्दा,  विहाग,  देशकार,  हेमकल्याण,  नट राग,  पहाड़ी,  मांड, दुर्गा,  मलुहा,  शंकरा इत्यादि।

2. कल्याण थाट के राग

केवल म तीव्र और अन्य स्वर शुद्ध।

यमनभूपाली,  शुद्ध कल्याण,  चन्द्रकान्त,  जयतकल्याण,  मालश्री, हिंदोल,  हामीर,  केदार,  कामोद, श्याम,  छाया-नट,  गौड़सारंग  इत्यादि।

3. खमाज थाट के राग

नि कोमल और अन्य स्वर शुद्ध।

झिंझोटी, खमाज, दुर्गा द्वितीय, तिलंग, रागेश्वरी, खंबावती, गारा, सोरठ, देश, जेजैवंती, तिलककामोद इत्यादि।

4.भैरव थाट के राग

रे, ध कोमल और शेष स्वर शुद्ध।

भैरव, रामकली, बंगालभैरव, सौराष्ट्रटंक, प्रभात, शिवभैरव, आनंदभैरव, अहीरभैरव, गुणकली, कालिंगड़ा जोगिया, विभाग, मेघरंजनी इत्यादि।

5. पूर्वी थाट के राग

रे, ध कोमल, म तीव्र और शेष स्वर शुद्ध।

पूर्वी, पूर्याधनाश्री, जेतश्री, परज, श्रीराग, गौरी, मालश्री, त्रिवेणी, टंकी, वसंत इत्यादि।

6. मारवा थाट के राग

रे कोमल, मध्यम तीव्र तथा शेष स्वर शुद्ध।

मारवा, पूरिया, जैत, मालीगौरा, साजगिरी, वराटी, ललिट, सोहनी, पंचम, भटियार, विभास, भंखार इत्यादि।

7. काफ़ी थाट के राग

ग, नि कोमल और शेष स्वर शुद्ध।

काफ़ी, सैंधवी, सिंदूरा, धनाश्री, भीमपलासी, धानी, पटमंजरी, पटदीपकी, हंसकंकणी, पीलू, बागेश्वरी, शहाना, सूहा, सुघराई, नायकीकान्हड़ा, देवसाख, बहार, वृन्दावनी सारंग, मध्यमादि सारंग, सामंतसारंग, शुद्ध सारंग, मियाँ की सारंग, बड़हंससारंग, शुद्ध मल्लार, मेघ, मियाँ की मल्लार, सूरमल्लार, गौड़मल्लार इत्यादि।

8. आसावरी थाट के राग

ग, ध, नि कोमल और शेष स्वर शुद्ध।

आसावरो, जैनपुरी, देवर्गाधार, सिंधुभैरवी, देसी, षट्राग, कौशिक कान्हड़ा, दरबारी कान्हड़ा, अडाणा, नायकी द्वितीय इत्यादि।

9. भैरवी थाट के राग

रे, ग, ध, नि कोमल और शेष स्वर शुद्ध।

भैरवी, मालकौंस, धनाश्री, विलासखानी तोड़ी इत्यादि।

10. तोड़ी थाट के राग

रे, ग, ध कोमल, म तीव्र और शेष स्वर शुद्ध।

तोड़ी (चौदह प्रकार की), मुलतानी इत्यादि