उस्ताद बड़े गुलाम अली खान (1902–1968)
वे खयाल गायकी के महान उस्ताद थे और भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
पंडित रवि शंकर (1920–2012)
पंडित रवि शंकर ने सितार वादन के माध्यम से भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय किया और संगीत के क्षेत्र में कई पुरस्कार जीते।
उस्ताद जाकिर हुसैन (1951–वर्तमान)
वे विश्व प्रसिद्ध तबला वादक हैं, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में नई दिशाओं को जोड़ा और वैश्विक मंच पर भारतीय संगीत की प्रतिष्ठा बढ़ाई।
लता मंगेशकर (1929–2022)
लता मंगेशकर की आवाज़ को ‘भारत की नाइटिंगेल’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारतीय फिल्म संगीत को अमूल्य योगदान दिया और 30,000 से अधिक गाने गाए।
उस्ताद अली अकबर खान (1922–2000)
वे सरोद वादन के महान उस्ताद थे और भारतीय शास्त्रीय संगीत को पश्चिमी दुनिया में परिचित कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
पंडित बिरजू महाराज (1938–वर्तमान)
पंडित बिरजू महाराज भारतीय कथक नृत्य के महान गुरु हैं और उन्होंने इस शास्त्रीय नृत्य रूप को विश्वभर में प्रसिद्ध किया।
पंडित जसराज (1930–2020)
पंडित जसराज ने खयाल गायकी में अपनी विशेष पहचान बनाई और भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत किया।
भूपेन हजारिका (1926–2011)
भूपेन हजारिका ने भारतीय लोक संगीत, असमिया संगीत और फिल्म संगीत में योगदान दिया और सामाजिक संदेश देने वाले गीतों से प्रसिद्ध हुए।
उस्ताद आमिर खान (1912–1974)
वे खयाल गायकी के प्रसिद्ध उस्ताद थे और उनकी गायकी में रागों की गहरी समझ और भावनाओं का अद्भुत समन्वय था।
पंडित किशोरी अमोनकर (1931–2021)
पंडित किशोरी अमोनकर ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन में खयाल शैली में महारत हासिल की और भारतीय शास्त्रीय संगीत में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्थापित किया।
पंडित हरिप्रसाद चौरसिया (1938–वर्तमान)
पंडित चौरसिया बाँसुरी वादन के महान उस्ताद हैं, जिनकी बाँसुरी की ध्वनि भारतीय शास्त्रीय संगीत का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है।
पंडित शिव कुमार शर्मा (1938–2022)
पंडित शिव कुमार शर्मा संतूर वादन के महान उस्ताद थे और उन्होंने संतूर को भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रमुख वाद्य यंत्रों में शुमार कराया।